
सम्मोहन के द्वारा अनेक प्रकार के रोगो का उपचार सफलता से किया जा सकता है। बहुत से दुखी और पीड़ितों को नया जीवन दिया जा सकता है। इसको आज वैज्ञानिक रूप में भी स्वीकार किया जा रहा है।
जिसमे सुझाव ग्रहण करने की क्षमता है। प्रत्येक व्यक्ति में चुम्बकीय शक्ति होती है। समुचित उपयोग करने से किसी भी व्यक्ति को सम्मोहित किया जा सकता है पर वह (मंद-बुद्धि, पागल व अविश्वासी और अहंकारी) न हो। सम्मोहन की अवस्था में अवचेतन मन जागृत किया जाता है। अवचेतन मन को जो सन्देश व संकेत दिये जाते है, चेतन मन उसका पालन करने लगता है, क्यूंकि अवचेतन मन विचार ग्रहण करने की क्षमता शक्तिशाली रूप में होती है।
सम्मोहन का हमारे मन से सम्बन्ध है।
मनुष्य के मन के दो स्तर होते है। इसकी पहचान के लिए दो नाम देते है: चेतन मन और अवचेतन मन। मानव शरीर की कुछ क्रियाएँ अवचेतन मन से और कुछ चेतन मन से चलती है। किसी क्रिया को रोकना, शरीर के अंगो का उपयोग करना, भले-बुरे में से चुनाव, सुख-दुःख की अनुभूति चेतन मन के द्वारा होती है। जिस मन के द्वारा हम जागृत अवस्था में इस संसार का अनुभव कर सकते है उसे चेतन मन कहते है। चेतन मन बाहरी वस्तुओं तथा परिस्थितियों से ज्यादा प्रभावित होता है। मानव मन का एक स्वभाव है, जिस बात को हम बार-बार सुनते हैं, उस पर हमारा विश्वास हो जाता है चाहे वो बात असत्य क्यों न हो।
मानव सैकड़ों दृश्य एवं वस्तुएं देखता है। इन वस्तुओं, दृश्यों, विचारों तथा संवेदनाओं को हमेशा के लिए याद रखते है भूलते नही या जिस विद्या या कला को एक बार सीख लेते है, वह चीज़ हमें जीवन भर याद रहती है। यह सब ज्ञान जहाँ अंकित हो जाता है। उसी स्थान को हम अवचेतन मन के नाम से जानते है।
हमारा चेतन मन जिन्हें अनदेखा छोड़ देता है, ऐसे दृश्य व हमारी मनोकामनाएं तथा स्वप्न सृष्टि के दृश्यों को सुरक्षित रखने के संग्रह को अवचेतन मन कहते है। चेतन मन द्वारा अवचेतन मन के सम्बन्ध में, या अवचेतन मन में जो दृश्य या विचार पहुँचने के बाद भी उनका स्मरण नही होता, और अवचेतन मन के विषय में आश्चर्य की बात यह है कि मानव के जन्म से लेकर इस संसार में जो भी घटनाएँ घटती है।
वे सारी की सारी अवचेतन मन की गहराई में अंकित हो जाती है। लेकिन ये बाते हमारे चेतन मन में नही आती है। अवचेतन मन हमारी कई प्रकार से सेवा करता है। जैसे- शरीर को सुरक्षित रखने की कोशिश करता है, हमारे शरीर में बिमारी से लड़ने की प्रतिरोधी क्षमता पैदा करता है, और आने वाले संकटों का पूर्व आभास कराता है। मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अवचेतन मन लगातार कोशिश करता रहता है। हमारे शरीर में जब कोई विकृति या रोग पैदा होते है तब हमारा अवचेतन मन उसे नष्ट करने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
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